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देशभर में आज गोवर्धन पूजा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाने वाली इस पूजा का महत्व खासतौर पर भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए है। मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन पर्वत, गायों और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। यह पर्व खासतौर पर उत्तर भारत में, विशेष रूप से मथुरा, वृंदावन और गोकुल क्षेत्रों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण को विशेष प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं।
शुभ मुहूर्त
इस वर्ष गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 3:22 बजे से लेकर शाम 5:34 बजे तक का है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस समय में गोवर्धन पूजा करना विशेष फलदायी होता है। जो लोग प्रातःकाल पूजा करना चाहते हैं, उनके लिए सुबह 6:34 से 8:46 तक का समय शुभ है।
पूजा विधि
गोवर्धन पूजा की शुरुआत में घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है। इसके बाद दीपक जलाकर भगवान श्रीकृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है। पूजा में रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर और फूलों का उपयोग किया जाता है। परिवार के साथ मिलकर गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा की जाती है, जिसे प्रदक्षिणा कहते हैं। इसके अलावा, इस दिन गायों को गुड़ और चावल खिलाने की परंपरा भी है, जो भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्ति का माध्यम मानी जाती है।
अन्नकूट का भोग
गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का भोग लगाने की विशेष प्रथा है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को विभिन्न प्रकार की सब्जियां, अन्न, फल और मिष्ठान्न का भोग लगाया जाता है। अन्नकूट में विभिन्न ऋतु के अनुसार सब्जियों और फलों से बने प्रसाद का विशेष महत्व होता है। इसे पर्वत रूप में सजाकर भगवान को समर्पित किया जाता है और फिर इसे सभी में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में जब इन्द्रदेव ने गोकुलवासियों पर मूसलधार बारिश की, तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा की थी। इसके बाद इन्द्रदेव ने श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी और तब से गोवर्धन पूजा का आयोजन होता आ रहा है।
अर्थ और महत्व
गोवर्धन पूजा मानव और प्रकृति के बीच संतुलन और सम्मान का प्रतीक है। इस दिन की गई पूजा आर्थिक समृद्धि और परिवार में सुख-शांति लाने वाली मानी जाती है।